फूलों की महक थी,
स्कूल में चहेक थी,
टीचर की छड़ी थी,
हाथो में घड़ी थी,
ना ऑडियो कॉल होता था,
ना वीडियो कॉल होता था,
दोस्तों में शरारत थी,
बस डिमलने की चाहत थी,
डिसधे जोड़ी की सवारी थी,
ना कु छ खोने का गम था,
ना कु छ पाने की तम्मना थी,
छोटी सी ख्वाडिहश थी,
मस्त मगन बचपन की लाइफ थी ||
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